Delhi New CM: आतिशी बनारस में बनकर आई थीं दुल्हन, अब संभालेंगी दिल्ली की कमान
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी का बनारस से गहरा नाता है। बनारस उनकी ससुराल है। उन्होंने 2006 में प्रवीण सिंह से विवाह किया था। प्रवीण एक जाने-माने शिक्षाविद परिवार से हैं और आतिशी से उनकी मुलाकात दिल्ली में पढ़ाई के दौरान हुई थी। आतिशी और प्रवीण दोनों ही सामाजिक कार्यों में रुचि रखते थे और उन्होंने मिलकर महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने में जुटे हैं।
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Delhi New CM: आतिशी बनारस में बनकर आई थीं दुल्हन, अब संभालेंगी दिल्ली की कमान
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी का बनारस से गहरा नाता है। बनारस उनकी ससुराल है। उन्होंने 2006 में प्रवीण सिंह से विवाह किया था। प्रवीण एक जाने-माने शिक्षाविद परिवार से हैं और आतिशी से उनकी मुलाकात दिल्ली में पढ़ाई के दौरान हुई थी। आतिशी और प्रवीण दोनों ही सामाजिक कार्यों में रुचि रखते थे और उन्होंने मिलकर महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने में जुटे हैं।
By Jagran News
Edited By: Vivek Shukla
Updated: Wed, 18 Sep 2024 08:02 AM (IST)
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दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी को बनाया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, वाराणसी। दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी का संबंध बनारस से भी है। बनारस उनकी ससुराल है। उनका विवाह 2006 में प्रवीण सिंह से हुआ था। एक ख्यात शिक्षाविद परिवार के सुपुत्र प्रवीण से उनका परिचय दिल्ली में ही अध्ययन के दौरान हुआ था।
प्रवीण ने आइआइटी दिल्ली से बीटेक करने के बाद आइआइएम अहमदाबाद से एमबीए किया। फिर अमेरिका और इंग्लैंड में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम किया। अध्ययन के दौरान प्रवीण सामाजिक कार्यों से भी जुड़े रहे।
आतिशी की भी सामाजिक कार्यों में रुचि थी। दोनों ने मिलकर महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने के लिए 2007 में मध्य प्रदेश में आत्मनिर्भर समुदाय स्थापित किया था। इसका उद्देश्य गांवों को मजबूत करने के साथ ही ग्रामीणों को शिक्षित करना था।
प्रवीण ने आइआइटी दिल्ली से बीटेक करने के बाद आइआइएम अहमदाबाद से एमबीए किया। फिर अमेरिका और इंग्लैंड में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम किया। अध्ययन के दौरान प्रवीण सामाजिक कार्यों से भी जुड़े रहे।
आतिशी की भी सामाजिक कार्यों में रुचि थी। दोनों ने मिलकर महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने के लिए 2007 में मध्य प्रदेश में आत्मनिर्भर समुदाय स्थापित किया था। इसका उद्देश्य गांवों को मजबूत करने के साथ ही ग्रामीणों को शिक्षित करना था।